Not known Factual Statements About पारद शिवलिंग क्या होता है
Not known Factual Statements About पारद शिवलिंग क्या होता है
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पारद शिवलिंग हे महादेवाचे प्रत्यक्ष रुप मानले जाते. त्यामुळे घरात पारद शिवलिंगाची प्रतिष्ठापना करा. घरातील देव्हाऱ्यात पार्वती-शिवांचे चित्र असेल तर त्यांच्यासमोर पारद शिवलिंगाची स्थापना करा. तत्पुर्वी चांदीच्या, तांब्याच्या किंवा पितळाच्या ताटावर पांढरे कापड पसरून त्यांना शिवलिंग बसवावे. सर्व प्रथम पारद शिवलिंगाच्या उजव्या बाजूला दिवा लावावा. त्यापूर्वी त्यांना गंगाजलाने आभिषेक करा.
ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की तरह, स्फटिक शिवलिंग की पूजा भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, जिससे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
अपने जीवन में खुशहाली पाने के लिए पराद शिवलिंग की पूजा करना काफी लाभदायक होता है। इससे घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन की कमी नहीं होती।
पारद शिवलिंग को साक्षात शिवजी का स्वरूप माना गया है, इसकी पूजा से मिलता है अक्षय पुण्य
ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च।
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साथ ही अपने आसपास गंगाजल, रोली, मोली चावल, दूध और हल्दी चंदन रखना चाहिए।
पारद शिवलिंग को घर में रखना चाहिए या नहीं
मनोकामना पूर्ति के लिए सावन महीने में पारद शिवलिंग घर में रखना चाहिए,इस शिवलिंग की पूजा दिन में दो बार करनी चाहिए,वास्तु दोष का निवारण भी हो जाता हे,शिवलिंग की पूजाविधि और स्थापन विधि पहले कोई पंडित,तांत्रिक या अघोरी से करवा ले फिर आप पूजापाठ और मंत्र का जाप शुरू करे,
स्फटिक शिवलिंग को घर में स्थापित करने से भी अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे:
पारद श्री यंत्र की स्थापना से पूर्व श्री यंत्र मन्त्र “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम:” और “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद here प्रसीद श्री ह्रीं श्री ॐ महालक्ष्म्यै नम:” का जाप करें।
पूजा के बाद इन शिवलिंगों की देखभाल कैसे करें?
विभिन्न हिंदू परंपराओं में शिवलिंग की परिभाषा